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हनुमान गाथा / Hanuman Gatha Lyrics in Hindi – Kumar Vishu

    Hanuman Gatha Lyrics in Hindi – ‘Hanuman Gatha’ is a song based on the whole life of Veer Bajrang Bali sung by Kumar Vishu. This song explains all the events happened in the life of Hanuman Ji. Lyrics of Hanuman Gatha are traditional. Music is given by Mahesh Prabhakar and music label is T-Series.


    Hanuman Gatha – Hanuman Janm, Baal Hanuman, Shri Ram Milan, Lanka Aagman, Mata Seeta Ki Khoj
    Album – Hanuman Gatha
    Singer – Kumar Vishu
    Lyrics – Traditional
    Music – Mahesh Prabhakar
    Label – T-Series


    Hahuman Gatha Lyrics in Hindi

    हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं
    पावन कथा सुनाते हैं
    वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
    हम कथा सुनाते हैं
    जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं
    पावन कथा सुनाते हैं
    वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    पुंजिकस्थला नाम था जिसका स्वर्ग की थी सुंदरी
    वानर राज को जर के जन्मी नाम हुआ अंजनी
    कपि राज केसरी ने उससे ब्याह रचाया था
    गिरी नामक संगपर क्या आनंद मंगल छाया था
    राजा केसरी को अंजना का रूप लुभाया था
    देख देख अंजनी को उनका मान हार्षया था
    वैसे तो उनके जीवन में थी सब खुशहाली
    परन्तु गोद अंजनी माता की संतान से थी खाली
    अब सुनो हनुमंत कैसे पवन के पुत्र कहते हैं
    पावन कथा सुनाते हैं

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    पुत्र प्राप्ति कारण आंजना तप कीन्हा भारी
    मतंग मुनि प्रसन्न हुए अंजना के हितकारी
    बोले मुनि वक्टा चली जाओ हे देवी अंजना
    वक्तेश्वर भगवान को जप और तप से प्रशन्न करना
    अंजना ने आकाश गंग का पावन जल पिया
    घोर तपस्या करके वायु देव को प्रसन्न किया
    अंजनी मां को स्पर्श किया वायु का एक झोंका
    पवन देव हो प्रकट उन्हें फिर पुत्र प्रदान किया
    इस कारण बजरंग पवन के पुत्र कहाते हैं

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    राजा केसरी और अंजना करते नित शिव पूजा
    शिव भक्ति के बिना नहीं था काम उन्हें दूजा
    हो प्रशन शिव प्रकट हुए तब अंजना वर मांगी
    हे शिव शंकर पुत्र मेरा हो आपके जैसा ही
    शिवजी बोले अंजना होगी पूर्ण तेरी इच्छा
    मेरे अंश का 11वा रुद्र ही पुत्र तेरा होगा
    जन्म लिया बजरंगी घट गए संकट के बादल
    चैत्र शुक्ल की 15 की और दिन था शुभ मंगल
    बजरंगी तब से शंकर के अवतार कहाते हैं
    पावन कथा सुनाते हैं

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    केसरी नंदन का है भक्तो प्यारा था बचपन
    झूल रहे थे चंदन के पालने में सुख रंजन
    कामकाज में लगी हुई थी तब अंजना रानी
    सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठाणी
    उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी
    उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाले बजरंगी
    वायु देव को चिंता हुई मेरा बच्चा जल ना जाए
    सूर्य देव की किरणों से मेरा फूल झुलस ना जाए
    बर्फ के जैसी वायु देव यूं हवा चलाते हैं

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर
    समझ गए वो पवन पुत्र है नहीं बालक कोई और
    शीतल कर ली सूर्य देव ने अपनी गरम किरणें
    पवन पुत्र गुरु रथ पर चढ़कर सूर्य लगे डसने
    अमावस्या को राहु सूर्य डसने को जब आया
    बजरंगी का खेल देखके बड़ा ही घबराया
    इंद्रदेव को आकर सारा हाल था बतलाया
    बोला एक बालक से मैं तो प्राण छुड़ा लाया
    इंद्रदेव को साथ में लेकर राहु आते हैं
    पावन कथा सुनाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    साथ साथ इंद्र को लेकर वापस राहु जब आया
    बालाजी की मार से खुद को बचा नहीं पाया
    मार मार कर राहु को जब कर डाला बेहाल
    दौड़े ऐरावत को खाने माँ अंजनी के लाल
    ऐरावत की रक्षा करने इंद्र बने फिर ढाल
    बालाजी की शक्ति की जब देखे इंद्र कमाल
    समझ खिलौना बाला ऐरावत को पकड़ लिए
    इंद्र देवता को भी अपनी भुजा में जकड लिए
    इंद्र देव क्या करते है आगे बतलाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    वार किया जब वज्र से इंद्र ने उनकी ठोड़ी पर
    मूर्छित होकर पवन पुत्र गिर गए गिरी कंदरा पर
    इंद्र देवता क्रोधित होकर गति रोक ली अपनी
    तीनो लोक के प्राणी करने करने त्राहि त्राहि
    सारे देवताओ को ना सूझी जब कोई भी आस
    ब्रह्मा जी को लेकर पहुंचे पवन देव के पास
    ब्रह्मा जी ने हाथ जब उनके अंगो पर फेरा
    क्षण दूर हुई बाला बजरंगी की मूर्छा
    वरदान उन्हें दे देके सारे देव मनाते है
    पावन कथा सुनाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    ब्रह्म देव ने बजरंगी को यह वरदान दिया
    ब्रह्म कभी नहीं लगेगा इसको ऐलान किया
    बोले इंद्र तेरा शरीर होगा वज्र के जैसा कठोर
    सूर्य देवता बोले देख के सेह से उनकी ओर
    मेरे तेज से होगा बाला तू तो शतावधान
    वरुण ने अपने पाश और जल से बचने का दिया वरदान
    कहने लगे यमराज तू मेरे दंड से रहेगा दूर
    और बोहोत से देवो ने वरदान दिए भरपूर
    इस कारण बजरंग सब देवो के देव कहाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    ब्रह्म देवता बोले होगा तू ऐसा ज्ञानी
    झुक जाएंगे तेरे आगे बड़े बड़े अभिमानी
    तुझे युद्ध में कोई पराजित कर नहीं पायेगा
    तू जैसा चाहेगा वैसा रूप बनाएगा
    संकटहारी तू सबका ही होगा हितकारी
    कहने लगे फिर इंद्र देव हे बजरंग बलधारी
    तेरी हनु टूटी जो बालक लागा वज्र मेरा
    इस कारण हनुमान रखा मैं आज से नाम तेरा
    हनु टूटने के कारण हनुमान कहाते है
    पावन कथा सुनाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    नटखट चंचल ऐसे थे बालापन में हनुमान
    बजरंगी की चंचलता से ऋषि मुनि थे हैरान
    ऋषियों ने सोचा बालक में नहीं अच्छा अभिमान
    श्राप दिया इस कारण इसका हो जाये कल्याण
    होकर बड़ा करना है इसे राम प्रभु का कार
    ऋषिवर बाबा बजरंग का यूं करते थे सत्कार
    ठीक समय पर इसे जो शक्ति याद दिलाएगा
    हम ऋषियों के श्राप से छुटकारा मिल जाएगा
    ऋषि मुनि साधू संत इनकी जयकार लगाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    मातृ शिक्षा से राम चरित्र का पूरा ज्ञान मिला
    बजरंगी को सब देवो से ही वरदान मिला
    अंजनी माँ आदर्श चरित्र की कथा सुनाया करती
    भक्त का और भगवान का अंतर उन्हें बताया करती
    एक दिन अंजनी माता बोली जाओ मेरे लाला
    सूर्य देव से शिक्षा लो ये है आदेश मेरा
    माँ इच्छा को रख आँखों पर धरकर शक्तिमान
    सूर्य देव से शिक्षा लेने जा पहुंचे हनुमान
    सूर्यदेव से शिक्षा लेने बजरंगी जाते है
    पावन कथा सुनाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान

    (संगीत)

    राम रूप में धरती पर विष्णु अवतार लिए
    अवधपुरी में धूम मची जग पे उपकार किये
    शिवशंकर बनके मदारी पहुंचे राजद्वार
    साथ में एक वानर था जिसकी सुंदरता अपार
    नाच देखने राम सहित आ पहुंचे चारो भाई
    नाच नाच बजरंग ने अपने प्रभु को हंसी दिलाई
    राम जी बोले हमसे चाहे कुछ भी लेलो मदारी
    ये वानर देदो हमको ये है इच्छा हमारी
    भक्त के संग भगवान ये कैसे खेल रचाते है

    बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते है
    हम कथा सुनाते हैं

    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान
    हे ग्यानी गुण के निधान
    जय महावीर हनुमान


    We hope you understood bhajan Hanuman Gatha lyrics in Hindi. If you have any issue regarding the lyrics of Hanuman Gatha bhajan by Kumar Vishu, please contact us. Thank you.

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